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1. गले या सीने में जलन होना। 2. बार-बार सामान्य या कच्ची डकार आना या गैस बनना। 3. खाना खाने के कुछ देर बाद उल्टी महसूस होना। 4. डकार आने पर खाना फ़ूड पाइप में वापिस आना।
चाय एसिडिटी का सबसे बड़ा कारण है, खासकर सुबह खाली पेट बेड टी। चाय एसिडिक होता है । अगर आपको चाय पीने की लत है और आप खाली पेट चाय पी रहे है तो मानकर चलिए आपके एसिडिटी में चाय की सबसे बड़ी भूमिका है। बहुत अधिक मात्रा में चाय पीने से पेट में एसिडिटी बहुत जल्द अल्सर जैसी गंभीर बीमारी में तब्दील हो जाता है।
बहुत देर रात तक जागने से पेट में गैस और एसिडिटी होने स्वाभाविक है। दरसअल रात्रि विश्राम के लिए होता है, शरीर विश्राम अवस्था में होता है, किन्तु देर रात तक जागने के कारण भी पाचन क्रिया ( digestive system) काम पर पर लगा रहता है और खाली पेट में अम्ल आने पर खट्टी डकारे और गैस होने लगती है।
सुबह मॉर्निंग वॉक करे, योग करे, जिम जाये, या स्वीमिंग करे. इन सबमे सुबह की सैर सबसे उत्तम है। दिन में कम से कम 10,000 कदम जरूर चले. इससे आपका वजन नियंत्रित रहेगा और पाचन क्रिया भी दुरुस्त होगी।
सोने से पहले गुनगने पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला का सेवन करने से भी एसिडिटी में राहत मिलती हैं । त्रिफला में आंवला और हरड़ होता है और दोनों को पेट के लिए अमृत माना गया गया है