दही (Yogurt) क्यों खाना चाहिए/ Yogurt Benifits ?
भोजन ही औषधि है। सही समय और सही तरीके से भोजन हमें हर बीमारियों को दूर रखता है, दही उनमे से एक है अगर सही तरीके से दही खाया जाये तो पेट के सभी रोग हमेशा दूर रहेंगे। दही का आयुर्वेद में बहुत बड़ा महत्त्व है।
आजकल के आधुनिक और व्यस्त जीवन में लोगो का भोजन और दिनचर्या दोनों असंतुलित हो गया जिसकी वजह से लोग तरह-तरह की बीमारियों से घिरे रहते है।
हम जो कुछ भी खाते है, उसका सही से पचना बहुत जरुरी होता है, पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में दही का योगदान बहुत महत्त्वपूर्ण है।
दही में दरअसल प्रोबिओटिक (Probiotic) बैक्टीरिया पाए जाते है, जिसे Lactobacillus कहते है। ये हमारे पेट की आंत में अच्छे बैक्टीरिया का निर्माण करता है। ये प्रोबिटिक हमारे खाने को आसानी से पचाने में मदद करता है और भोजन में मजूद तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है।
दही (Curd) में पाए जाने वाले पोषण तत्व (न्यूट्रिएंट्स )
दही में कैल्शियम (Calcium), प्रोटीन (Protein), विटामिन बी 2 (B 2) और बी 12 (B 12), मैग्नीशियम (Magnesium), फास्फोरोस (Phosphorus) आदि पोषण तत्व पाए जाते है। कैल्शियम हमारे हड्डी और दांत को मजबूत रखता है। प्रोटीन हमारे मांशपेशियों (Musslce) विटामिन बी हमारे शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है और हमे बिमारियों से दूर रखता है। इसके अलावा विटामिन बी हमारे पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। मैग्नीशियम शरीर की मांसपेसियों को ठीक रखता है इसके अलावा मैग्नीशियम ब्लड शुगर (Blood Sugar) को दुरुस्त रखता है।
दही किन बीमारियों में लाभकारी है?
1. कब्ज़
2. एसिटिडी
3. कमजोर पाचन क्रिया
4. जिनका इम्यून कमजोर हो और बहुत जल्दी-जल्दी बीमार पढ़ते है।
5 ह्रदय रोगियों को।
6. ऑस्टोपोरोसिस
1. कब्ज़ :
पेट की ज्यादातर बीमारी कब्ज़ के कारण होती है। कब्ज़ मतलब पेट का साफ नहीं होना और खुलकर शौच नहीं आना। जिनका भी पेट साफ़ नही होता है उन लोगो को रोज सुबह खाली पेट दही खाना चाहिए। उसके आधे घंटे बाद ही कुछ खाये। दही में मौजूद फाइबर और प्रोबिटिक हमारे पाचन क्रिया को ठीक रखता है और सुबह पेट भी खुलकर साफ़ होता है।
2. एसिडिटी (Acidity )
जो लोग एसिडिटी से परेशान रहते है उन्हें दही रोज खाना चाहिए और वो भी सुबह खाली पेट। दही में मौजूद प्रोबिओटिक lactobacillus बैक्टीरिया पेट में अम्ल पित्त (Bile Juice) को संतुलित करता है जिससे Acid Refux नहीं होता है। रोज सुबह खाली पेट दही का लस्सी पीने से कुछ दिनों में एसिडिटी पूरी तरह से ख़त्म हो जाती है।
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3. कमजोर पाचन क्रिया
जिन लोगो का मेटाबोलिज्म कमजोर है और खाना अच्छे से नहीं पचता उन्हें दही का सेवन जरूर करना चाहिए। दही हमारे पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है जिससे भोजन में मौजूद पोषक तत्व हमारे शरीर को अच्छे से प्राप्त होता है और शरीर के सभी अंग सुचारु रूप से काम करते है।
4. जिनका इम्यून कमजोर हो और बहुत जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते है।
जिनलोगो का इम्यून सिस्टम (Immune System) कमजोर होता है, वो लोग बहुत जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते है। इम्यून सिस्टम हमारे शरीर का सुरक्षा कवच है। ये हमे बिमारिओं से लड़ने की ताकत देता है और हमे तमाम Seasonal बीमारियों से बचाता है। दही खाने से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और हम बिमारियों से बचे रहते है।
5. ह्रदय रोगियों को
दही में मौजूद ओमेगा ३ हमारे दिल को दुरुस्त रखने में मदद करता है साथ ही साथ कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को भी संतुलित रखता है। ह्रदय रोगियों को अपने भोजन में दही जरूर शामिल करना चाहिए।
6. ऑस्टोपोरोसिस (Osteoporosis)
ऑस्टोपोरोसिस की बीमारी महिलाओ में आम है। ये बीमारी हमारे हड्डी को कमजोर बनाती है। आपने गौर किया होगा की महिलाओं में कमर दर्द जैसी समस्या आम होती है, ऑस्टोपोरोसिस इसकी मुख्य वजह है। दही हमारे शरीर में calcium की कमी को पूरा करता है, कैल्सियम हमारे शरीर की हड्डी मजबूत करता है। महिलाओं को नियमित दही खाना चाहिए।
दही कब खाना चाहिए?
दही को खाने का सबसे उत्तम समय सुबह माना जाता है। क्या आपको पता है कि बिहार में लोग नाश्ते में दही चिवड़ा खाते है और पंजाब में लोग नाश्ते में दही की लस्सी पीते है। सदियों से हमारे देश के हर राज्य में लोग दही को अलग-अलग तरीके से नाश्ते में उपयोग करते आ रहे है। इसका कारण है हमारा आयुर्वेद का पारम्परिक ज्ञान, आयुर्वेद कहता है कि सुबह दही, दोपहर छांछ और रात में दूध का सेवन करना चाहिए। दही सबसे ज़्यादा सुबह के समय ही फायदा करता है।
दही कब नहीं खाना चाहिए?
दही को रात में नहीं खाना चाहिए। दही रात में खाने से अजीर्ण की समस्या हो सकती है, खासकर सर्दियों में तो दही भूलकर भी रात में न खाएं , फिर चाहे ये रायते के रूप में हो या फिर दही-वड़ा हो। दही रात को फायदे के बजाये नुकसान पहुँचाता है।
दही खाने का सही तरीका
दही हमेशा मीठे के साथ खाएं या फिर सादा दही का इस्तेमाल करें। दही में नमक मिला कर खाने से उसमें मौजूद lactobacillus बैक्टीरिया मर जाते है और फिर दही खाने का कोई फायदा नहीं होता है। मीठे में भी चीनी की जगह गुड़ का बूरा, खांड या धागे वाले मिश्री का पाउडर बना कर इस्तेमाल करें। दही का लस्सी पीना भी बहुत जायदा फायदे मंद होता है।
नोट : कोशिश करे कि दही घर पर ही जमा कर खाये। बाज़ार की दही से बेहतर होगा।
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